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पुंगनूर गाय

  • 18th January, 2024
प्रारम्भिक परीक्षा – पुंगनूर गाय
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर- 3

संदर्भ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 जनवरी 2024 को पोंगल/मकर संक्रांति पर अपने आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर पुंगनूर गायों को खाना खिलाया।

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पुंगनूर गाय:-

  • पुंगनूर गाय आंध्र प्रदेश के रायलसीमा क्षेत्र में चित्तूर जिले के पुंगनूर, वायलापाडु, मदनपल्ली और पालमनीर तालुका की मूल प्रजाति है।
  • पुंगनूर 112 साल पुरानी गाय की नस्ल है, जबकि मिनिएचर पुंगनूर को डॉ. कृष्णम राजू द्वारा वर्ष 2019 में विकसित किया गया था।
  • पुंगनूर गाय वैदिक काल में ऋषि वशिष्ठ और विश्वामित्र के समय में मौजूद थी, उस समय इसे ब्रह्मा नस्ल की गाय कहा जाता था।
  • पहले पुंगनूर की ऊंचाई ढाई से तीन फीट होती थी, लेकिन जलवायु परिवर्तन और स्थान परिवर्तन से पुंगनूर की ऊंचाई बढ़ गई।
  • पुंगनूर गाय की सामान्य ऊंचाई 3 से 5 फीट के मध्य होती है, जबकि लघु पुंगनूर की ऊंचाई ढाई फीट तक होती है।  

विशेषता:-

  • यह एक अनोखी बौनी नस्ल की गाय है, इन्हें दुनिया में सबसे छोटे कूबड़ वाला मवेशी माना जाता है। 
  • इनका छोटा आकार इन्हें घर में रखना आसान बनाता है।
  • पुंगनूर गायें सफेद या हल्के या गहरे भूरे रंग की हो सकती हैं। 
  • पुंगनूर नस्ल के दूध में वसा की मात्रा ज्यादा 8 प्रतिशत तक होती है,जबकि सामान्य गायों के दूध में वासा की मात्रा3 से 3.5 प्रतिशत तक होती है।
  • पुंगनूर गाय की औसत दूध उपज 1-3 लीटर प्रतिदिन होती है।

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पुंगनूर गाय की संख्या :-

  • पुंगनूर गाय एक समय विलुप्त होने के कगार पर थी, और देश भर में उनकी संख्या लगभग 3,000 मवेशियों से भी कम (लगभग 2,772 )हो गई थी। 
  • हाल के वर्षों में सरकार द्वारा इसके संरक्षण के लिए किये गए प्रयासों से इनकी संख्या में वृद्धि हुई हैं।
  • वर्ष 2019 में आयोजित 20वीं पशुधन जनगणना के अनुसार, पुंगनूर गाय की कुल संख्या 13,275 दर्ज की गई, जिसमें 9,876 शुद्ध और 3,399 वर्गीकृत मवेशी शामिल थे।
  • पुंगनूर की शुद्ध नस्ल में से, वर्ष 2019 पशुधन जनगणना में सबसे बड़ी संख्या, 8,806, आंध्र प्रदेश में दर्ज की गई, इसके पश्चात् तेलंगाना (977), कर्नाटक (66), केरल (15), महाराष्ट्र (6) और तमिलनाडु (6) हैं। 

पुंगनूर गाय के संरक्षण के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास:-

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  • केंद्र और आंध्र प्रदेश सरकारों ने पुंगनूर जैसी स्वदेशी नस्लों के संरक्षण के लिए कई उपाय किये हैं।
  • आंध्र प्रदेश सरकार ने पुंगनूर नस्ल को बढ़ावा देने के लिए अपने बजट के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान की है ।
  • केंद्र सरकार ने पुंगनूर और अन्य स्वदेशी नस्लों को बढ़ावा देने के लिए पी वी नरसिम्हा राव तेलंगाना पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय, हैदराबाद में गोकुल ग्राम की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता देने का आश्वासन दिया है। 
  • राष्ट्रीय कामधेनु प्रजनन केंद्र (NKBC) आंध्र प्रदेश के चिंतालादेवी, नेल्लोर में स्थापित किया गया है।
  • भारत में गायों की नस्लें :- भारत में गाय की 30 से अधिक नस्लें पाई जाती हैं।
  • लाल सिन्धी, साहिवाल, गिर, थारपारकर एवं देवनी आदि नस्लें भारत में दुधारू गायों की प्रमुख नस्लें हैं।

प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- पुंगनूर गाय के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 

  1. पुंगनूर गाय आंध्र प्रदेश के रायलसीमा क्षेत्र में चित्तूर जिले के पुंगनूर की मूल प्रजाति है।
  2. इस नस्ल के गाय के दूध में वसा की मात्रा सबसे कम  होती है।
  3. इस गाय के नस्ल में वृद्धि के लिए राष्ट्रीय कामधेनु प्रजनन केंद्र (NKBC) आंध्र प्रदेश के चिंतालादेवी, नेल्लोर में स्थापित किया गया है।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) सभी तीन

(d) कोई भी नहीं

उत्तर - (b)

स्रोत : THE INDIAN EXPRESS



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