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कृषि यांत्रिकी (Agricultural Mechanization)

  • 9th February, 2021
  • मशीनीकृत कृषि या कृषि यांत्रिकी से तात्पर्य कृषि कार्य में मशीनों के प्रयोग से है, जिससे कृषि श्रमिकों की उत्पादकता में वृद्धि होती है। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2014-15 में कृषि मशीनीकरण को बढ़ावा देने के लिये ‘सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइज़ेशन’ (SMAM) नामक विशेष योजना की शुरुआत की गई थी।
  • इस योजना का उद्देश्य ‘कस्टम हायरिंग केंद्रों’ (CHCs) की स्थापना के माध्यम से छोटे एवं सीमांत किसानों (SMFs) को सस्ती तथा सुलभ कृषि मशीनें उपलब्ध कराना और उच्च तकनीक व उच्च मूल्य वाले कृषि उपकरणों, फार्म मशीनरी एवं बैंकों के लिये हब बनाना तथा इसकी पहुँच से बाहर लोगों तक उन्हें पहुँचाना है। इस योजना के अंतर्गत विभिन्न सब्सिडी प्राप्त कृषि उपकरणों और मशीनों का वितरण भी शामिल है।
  • ‘कस्टम हायरिंग संस्था’ लघु सीमांत किसानों को कृषि मशीनें उपलब्ध कराती है। कृषि क्षेत्र में फसल उत्पादन के लिये उपयोग किये गए इनपुट की दक्षता और प्रभावकारिता में सुधार करने के लिये मशीनीकरण आवश्यक है। मशीनीकरण श्रमसाध्य होने के साथ फसलों की उत्पादकता में भी वृद्धि के लिये बहुत महत्त्वपूर्ण है।
  • गौरतलब है कि अब तक 27.5 हज़ार से अधिक कस्टम हायरिंग संस्थानों के माध्यम से 13 लाख से अधिक किसानों को कृषि मशीनों का वितरण किया जा चुका है।
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