देश में ‘स्वास्थ्य देखरेख अवसंरचना’ को मज़बूत बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री ने वाराणसी (Varanasi) (उत्तर प्रदेश) में ‘आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन’ का शुभारंभ किया है। यह स्वास्थ्य योजना ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन’ के अतिरिक्त क्रियान्वित की जाएगी।
इस मिशन का उद्देश्य शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में ‘गहन चिकित्सा’ (Critical Care) सुविधाओं तथा प्राथमिक देखरेख संबंधी सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना में मौज़ूद कमियों को दूर करना है। इस मिशन की अवधि 6 वर्ष निर्धारित की गई है।
इसके अंतर्गत विशेष रूप से चिह्नित 10 राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों में 17,788 ‘स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र’ तथा सभी राज्यों के शहरी क्षेत्रों में 11,024 ‘स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र’ स्थापित किये जाएंगे। इसमें देश के पिछड़े एवं आकांक्षी ज़िलों को प्राथमिकता दी जाएगी।
इस मिशन के तहत देश के 5 लाख से अधिक जनसंख्या वाले सभी ज़िलों में ‘एक्सक्लूसिव क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक’ के माध्यम से गहन चिकित्सा सेवाएँ उपलब्ध होंगी, जबकि शेष ज़िलों को ‘रेफरल सेवाओं’ के माध्यम से कवर किया जाएगा और सभी ज़िलों में ‘एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाएँ’ स्थापित की जाएंगी।
इसके अतिरिक्त, इस मिशन के तहत ‘नेशनल इंस्टिट्यूशन ऑफ वन हेल्थ’, 4 नए राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के लिये एक क्षेत्रीय अनुसंधान प्लेटफॉर्म, 9 जैव सुरक्षा स्तर-III प्रयोगशालाएँ तथा देश के विभिन्न क्षेत्रों में 5 नए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्रों की स्थापना का प्रावधान भी किया गया है।