महाराष्ट्र ने केंद्र सरकार से ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के ‘बीड मॉडल’ का राज्यव्यापी कार्यान्वयन करने का आग्रह किया है। ‘बीड’ सूखाग्रस्त मराठवाड़ा क्षेत्र में स्थित एक ज़िला है, जो बीमा कंपनियों के लिये चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।
वर्ष 2020 की खरीफ फसल के दौरान राज्य के कृषि विभाग ने इस ज़िले में योजना के कार्यान्वयन के लिये दिशानिर्देशों में बदलाव करने का फैसला किया। इस योजना को राज्य द्वारा संचालित भारतीय कृषि बीमा कंपनी द्वारा लागू किया गया है।
नए दिशानिर्देशों के तहत बीमा कंपनी कुछ चेतावनियों के साथ एकत्र की गई प्रीमियम राशि के 110% का सुरक्षा कवर प्रदान करेगी। यदि मुआवज़े की राशि प्रदान किये गए सुरक्षा कवर से अधिक होती है, तो अतिरिक्त राशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
सामान्य मौसम में जब किसानों को न्यूनतम हानि होती है, तो राज्य सरकार को प्रीमियम ₹ राशि वापस मिलने की उम्मीद होती है, जिसे आगामी वर्ष में योजना के वित्तपोषण हेतु एक कोष में एकत्र किया जा सकता है।
बीड मॉडल से बीमा कंपनी के मुनाफे में कमी आने की संभावना है तथा इससे राज्य सरकार की धन के दूसरे स्रोत तक पहुँच होगी। यद्यपि इस मॉडल का किसानों के लिये कोई प्रत्यक्ष लाभ नहीं है।