श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय के श्रम ब्यूरो द्वारा जारी औद्योगिक श्रमिकों के लिये उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-IW) के लिये आधार वर्ष 2001 के स्थान पर वर्ष 2016 कर दिया गया है। साथ ही, नए आधार वर्ष के आधार पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की नई शृंखला भी जारी की गई है।
इस सूचकांक का उपयोग खुदरा कीमतों द्वारा मुद्रास्फीति को मापने, सरकारी कर्मचारियों तथा औद्योगिक श्रमिकों के महँगाई भत्ते को विनियमित करने तथा अनुसूचित रोज़गार में न्यूनतम मज़दूरी को संशोधित करने के लिये किया जाता है।
संशोधित सूचकांक में भोजन और पेय पदार्थ जैसी मदों के भारांश को कम करके (39.17%) स्वास्थ्य, शिक्षा, मनोरंजन तथा अन्य विविध खर्चों को अधिक भारांश (23.26% से बढ़ाकर 30.31%) प्रदान किया गया है।
ध्यातव्य है कि वर्ष 2001 के आधार वर्ष पर जारी होने वाले सूचकांक में 78 केंद्र शामिल थे, जबकि नई शृंखला में 88 केंद्रों को शामिल किया गया है। साथ ही, आधार वर्ष 2001 के आधार पर जारी सूचकांक में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की संख्या 25 थी, जो आधार वर्ष 2016 की सूची में बढाकर 28 कर दी गई है।
अब इस सूचकांक के संकलन हेतु ज्यामितीय माध्य आधारित कार्यप्रणाली का उपयोग किया जाएगा, जबकि वर्ष 2001 तक अंकगणितीय माध्य का उपयोग किया जाता था।