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क्रिटिकल नॉइज़ ट्रीटमेंट एल्गोरिदम (Critical Noise Treatment Algorithm)

  • 13th November, 2021
  • भारतीय खगोलविदों ने एक एल्गोरिदम विकसित किया है, जो वायुमंडल में हो रहे संदूषण, उपकरणीय प्रभाव तथा अन्य कारकों के प्रभावों को कम करके एक्सोप्लैनेट से प्राप्त डाटा का सटीकता से अध्ययन करने में सहायक होगा। इस प्रणाली को ‘क्रिटिकल नॉइज़ ट्रीटमेंट एल्गोरिदम’ के नाम से जाना जाता है।
  • खगोलविदों का समूह एक्सोप्लैनेट्स के संकेत प्राप्त करने के लिये देश में स्थापित भू- आधारित ऑप्टिकल टेलीस्कोप तथा ट्रांज़िटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (TESS) स्पेस टेलीस्कोप द्वारा प्राप्त आँकड़ों का उपयोग कर रहा है।
  • फोटोमेट्रिक ट्रांज़िट विधि के बाद उन्होंने प्लैनेट होस्टिंग स्टार्स से फोटोमेट्रिक डेटा प्राप्त किया है। हालाँकि विभिन्न स्रोतों के कारण उत्पन्न शोर से पारगमन संकेत बहुत अधिक प्रभावित होते हैं, जो ग्रहों के भौतिक मापदंडों का सटीक अनुमान लगाने में बाधा उत्पन्न करते हैं।
  • यह एल्गोरिदम भूमि तथा अंतरिक्ष-आधारित टेलीस्कोप द्वारा पता लगाए गए पारगमन संकेतों का बेहतर सटीकता के साथ आवश्यक परिष्करण करेगा। साथ ही एक्सोप्लैनेट्स के वातावरण का बेहतर सटीकता के साथ अध्ययन करने में मदद करेगा।
  • सटीकता के साथ एक्सोप्लैनेट्स के भौतिक गुणों की समझ पृथ्वी के समान ग्रहों का पता लगाने में मदद कर सकती है, जो भविष्य में निवास योग्य हो सकते हैं।
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