नीति आयोग एवं विश्व संसाधन संस्थान, भारत ने संयुक्त रूप से देश में ‘फोरम फॉर डीकार्बोनाइजिंग ट्रांसपोर्ट’ का शुभारंभ किया है। इसे एशिया के लिये एन.डी.सी. परिवहन पहल परियोजना के एक भाग के रूप में शुरू किया गया है। इस परियोजना का उद्देश्य एशिया में ग्रीन हॉउस गैस उत्सर्जन (परिवहन क्षेत्र) के चरम स्तर को (2 डिग्री से कम के मार्ग के अनुरूप) नीचे लाना है, जिसके परिणामस्वरूप संकुलन तथा वायु प्रदूषण जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।
यह फोरम, भारत में परिवहन क्षेत्र को स्वच्छ बनाने के लिये विविध हितधारकों को एक साथ लाने तथा एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने के लिये एक माध्यम के रूप में कार्य करेगी। भारत का विशाल एवं विविध परिवहन क्षेत्र कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के मामले में तीसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है। अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अनुसार कॉर्बन डाईऑक्साइड के कुल उत्सर्जन में सड़क परिवहन का योगदान 90% से अधिक है।
भारत सरकार देश में विभिन्न नीतिगत उपायों व पहलों के माध्यम से इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने तथा सड़क परिवहन के कारण होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है।
एशिया के लिये एन.डी.सी. परिवहन पहल सात संगठनों का एक संयुक्त कार्यक्रम है, जो भारत, चीन तथा वियतनाम को परिवहन क्षेत्र में कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करने के उद्देश्य से एक साथ लाने का कार्य करेगा। इसे जर्मनी के पर्यावरण, प्रकृति संरक्षण एवं परमाणु सुरक्षा मंत्रालय की अंतर्राष्ट्रीय जलवायु पहल के तहत वित्त पोषित किया जाता है। भारत में नीति आयोग इस परियोजना के लिये कार्यान्वयन भागीदार है।