भारत ने ‘विश्व बौद्धिक संपदा संगठन’ (WIPO) द्वारा जारी 'वैश्विक नवाचार सूचकांक, 2021’ में दो स्थान (वर्ष 2020-48वाँ) का सुधार कर 46वाँ स्थान प्राप्त किया है।
विपो द्वारा यह सूचकांक ‘पोर्टुलन्स संस्थान’ के अलावा, विभिन्न कॉर्पोरेट साझेदारों, जैसे– भारतीय उद्योग परिसंघ, ब्राज़ीलियाई राष्ट्रीय उद्योग परिसंघ, इकोपेट्रोल समूह (कोलंबिया) और तुर्की निर्यातक सभा के सहयोग से प्रकाशित किया जाता है।
भारत की जी.आई.आई रैंकिंग में निरंतर सुधार मुख्यतः वृहद् ज्ञान पूँजी, शानदार स्टार्टअप पारितंत्र, ‘आत्मनिर्भर भारत’ की अवधारणा और निजी व सार्वजनिक अनुसंधान संगठनों द्वारा किये गए प्रभावी कार्य के कारण हुआ है। भारत वर्ष 2015 में 81वें स्थान पर था और इस वर्ष 46वें स्थान पर है।
भारत में ‘राष्ट्रीय नवाचार पारिस्थितिक तंत्र’ को समृद्ध बनाने में कई वैज्ञानिक विभागों, यथा– परमाणु ऊर्जा विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग तथा अंतरिक्ष विभाग ने महत्व पूर्ण भूमिका निभाई है।
नीति आयोग द्वारा पिछले वर्ष जारी किये गए ‘भारत नवाचार सूचकांक’ के नवीनतम संस्करण को देशभर में नवाचार के विकेंद्रीकरण की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में स्वीकार किया गया है। ‘नीति आयोग’ वैश्विक नवाचार सूचकांक सहित वैश्विक स्तर पर भारत की रैंकिंग सुधारने के लिये भारत की स्थिति की निरंतर निगरानी व मूल्यांकन कर रहा है।