हाल ही में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा जारी मानव विकास रिपोर्ट, 2020 के अंतर्गत मानव विकास सूचकांक (HDI), 2019 में शामिल कुल 189 देशों में नॉर्वे को प्रथम, जबकि आयरलैंड और स्विट्ज़रलैंड को क्रमशः दूसरा व तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। एच.डी.आई. में मानव विकास के तीन बुनियादी पहलुओं- जीवन प्रत्याशा, शिक्षा और औसत प्रतिव्यक्ति आय के आधार पर एच. डी. आई. मूल्य का निर्धारण किया जाता है।
सूचकांक में भारत पिछले वर्ष की तुलना में दो स्थान खिसककर 131वें स्थान पर आ गया है। भूटान (129), बांग्लादेश (133), नेपाल (142) और पाकिस्तान (154) की तरह भारत मध्यम मानव विकास वाले देशों की श्रेणी में शामिल है। ब्रिक्स समूह में, रूस 52वें, ब्राज़ील 84वें और चीन 85वें स्थान पर है।
वर्ष 2019 में,भारत की सकल राष्ट्रीय आय (प्रतिव्यक्ति क्रय-शक्ति समता -PPP के आधार पर) 6,681 डॉलर हो गई है। साथ ही, भारत का एच.डी.आई. मूल्य 0.645 है। 1990 से 2019 के बीच भारत के एच.डी.आई. मूल्य में 50.3% की वृद्धि हुई है।
यू.एन.डी.पी. ने पहली बार प्लैनेटरी प्रेशर एडजस्टेड एच. डी. आई. (Planetary Pressures-adjusted HDI, or PHDI) के रूप में नई मीट्रिक प्रणाली की शुरुआत की है, जिसके आधार पर रैंक का निर्धारण करने पर भारत रैंकिंग में आठ स्थान ऊपर बढ़ जाएगा।
पी.एच.डी.आई. प्रत्येक देश के प्रतिव्यक्ति कार्बन उत्सर्जन और उसके भौतिक पदचिह्न के कारण होने वाले प्रभावों को दर्शाने के लिये वस्तुओं एवं सेवाओं के निर्माण में प्रयुक्त जीवाश्म ईंधन, धातुओं व अन्य संसाधनों की मात्रा को मापता है।