नीति आयोग ने 'इंस्टीट्यूट फॉर कंपीटिटिवनेस' के सहयोग से भारतीय नवाचार सूचकांक का दूसरा संस्करण जारी किया है। इसका पहला संस्करण अक्तूबर 2019 में जारी किया गया था।
इस सूचकांक को राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की नवाचार क्षमताओं पर आधारित पाँच कारकों- मानव पूंजी, निवेश, ज्ञान कार्यकर्ता, व्यावसायिक वातावरण, सुरक्षा व कानूनी वातावरण तथा दो प्रदर्शन मापदंडों; ज्ञान उत्पादन व ज्ञान प्रसार के मूल्यांकन के आधार पर जारी किया जाता है।
इस सूचकांक में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है : प्रमुख राज्य (17), पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्य (10), केंद्रशासित प्रदेश/सिटी राज्य/छोटे राज्य (09)।
प्रमुख राज्यों की श्रेणी में कर्नाटक प्रथम स्थान पर बना हुआ है, जबकि महाराष्ट्र एक स्थान की वृद्धि के साथ दूसरे स्थान तथा तमिलनाडु एक स्थान नीचे खिसककर तीसरे स्थान पर आ गया है। ध्यातव्य है कि प्रमुख राज्यों की श्रेणी के अंतर्गत शीर्ष पाँच स्थानों पर चार दक्षिणी राज्य- कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना और केरल शामिल हैं। प्रमुख राज्यों की श्रेणी में सबसे नीचे क्रमशः बिहार (17वीं), छत्तीसगढ़ (16 वीं) और झारखंड (15वीं) का स्थान है।
पहाड़ी राज्यों की श्रेणी के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश शीर्ष स्थान पर है। केंद्रशासित प्रदेशों में दिल्ली पहले स्थान पर, जबकि चंडीगढ़ दूसरे स्थान पर आ गया है।
विदित है कि कर्नाटक को वेंचर कैपिटल सौदों, भौगोलिक संकेतक पंजीकरण तथा सूचना व संचार प्रौद्योगिकी के निर्यात के कारण प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। इसके अतिरिक्त, राज्य में बढते प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) से भी नवाचार क्षमताओं में वृद्धि हुई है।