New
New
UP RO/ARO Course (Pre + Mains). View Details
NCERT online Batch. View Details
Prelims Target Batch 2024. View Details

सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty-IWT)

  • 12th August, 2020

हाल ही में, भारत ने अटारी चेकपोस्ट पर सिंधु जल संधि के मुद्दे पर बैठक आयोजित करने के लिये पाकिस्तान के अनुरोध से इनकार कर दिया है। इससे पूर्व, मार्च में भारत ने कोविड-19 महामारी के चलते एक आभासी सम्मलेन (Virtual meeting) का सुझाव दिया था, लेकिन पाकिस्तान ने आमने-सामने की बैठक पर ज़ोर दिया था।

  • सिंधु जल संधि, सिंधु तथा इसकी सहायक नदियों के जल के अधिकतम उपयोग के लिये भारत और पाकिस्तान के मध्य एक समझौता है। 19 सितम्बर, 1960 को कराची में विश्व बैंक की मध्यस्थता में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान द्वारा इस संधि पर हस्ताक्षर किये गए थे।
  • संधि के तहत पूर्वी नदियों (रावी, व्यास, सतलज और उनकी सहायक नदियाँ) का पानी, कुछ अपवादों (घरेलू उपयोग, अप्रयुक्त जल प्रवाह, कृषि हेतु तथा पनबिजली के लिये उपयोग) को छोड़कर भारत नदी के प्रवाह को नहीं रोकेगा। पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब और उनकी सहायक नदियाँ) का पानी पाकिस्तान के लिये होगा।
  • इस संधि के अंतर्गत, भारत और पाकिस्तान ने सिंधु जल आयुक्त के रूप में एक स्थायी पद का गठन किया है। इसके आलावा दोनों देशों ने एक स्थाई सिंधु आयोग का भी गठन किया है, जो संधि के कार्यान्वयन हेतु नीतियाँ बनाता है। साथ ही, आयोग प्रतिवर्ष बैठकें एवं यात्राएँ आयोजित करता है तथा दोनों सरकारों को अपने कार्य की रिपोर्ट प्रस्तुत करता है।
  • यह संधि दोनों देशों के बीच हुए तीन युद्धों के बावजूद अभी भी जारी है। इसलिये इसे सबसे सफल जल समझौता माना जाता है। लेकिन हालिया तनाव के कारण दोनों देश इस संधि में बदलाव की आशंका देख रहे हैं।
Have any questions?

Our support team will be happy to assist you!

call us

+91-9555 124 124
OR