हाल ही में लद्दाख की काष्ठ नक्काशी को भौगोलिक संकेतक अधिनियम, 1999 के तहत भौगोलिक संकेतक (GI Tag) प्रदान किया गया है।
लद्दाख की काष्ठ नक्काशी अपने जटिल डिज़ाइन व अद्वितीय पैटर्न के लिये लोकप्रिय है। इनमें से अधिकांश बौद्ध विषयों व रूपांकनों पर आधारित हैं।
इसे बनाने के लिये स्थानीय लकड़ी, जैसे- विलो तथा खुबानी का उपयोग किया जाता है। इस लकड़ी का उपयोग मुख्यतः दरवाज़े, खिड़कियाँ व अन्य घरेलू सामानों की सजावट में किया जाता है।