यह ‘मोनार्क तितली’ की एक उप-प्रजाति है, जो प्रत्येक वर्ष अमेरिका में लगभग 4,000 किमी. की यात्रा करती है। इसे अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की रेड लिस्ट में ‘संकटग्रस्त’ श्रेणी के तहत वर्गीकृत किया गया है।
यह विश्व में सर्वाधिक पहचानी जाने वाली तितली की प्रजातियों में से एक है, जो पारिस्थितिक तंत्र में परागण तथा वैश्विक खाद्य जाल को बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
विगत एक दशक में इन तितलियों की आबादी में 72 फीसदी से ज़्यादा की कमी आई है। इसके लिये मुख्यतः जलवायु परिवर्तन तथा आवासीय क्षति उत्तरदायी है।
गहन कृषि के लिये कीटनाशकों का बढ़ता उपयोग इन तितलियों द्वारा भोजन के रूप में उपयोग किये जाने वाले मिल्कवीड पौधे को नुकसान पहुँचा रहा है। ‘मोनार्क तितली’ केवल मिल्कवीड पौधे पर ही प्रजनन करती है।