जलवायु परिवर्तन संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिये बृहन्मुंबई नगर निगम द्वारा ‘मुंबई जलवायु कार्य योजना’ का मसौदा तैयार किया जा रहा है। ऐसा सी-40 (C-40) जलवायु नेतृत्व समूह शहरों के प्रति मुंबई की प्रतिबद्धता के कारण किया गया है। दिसंबर 2020 में 'मुंबई' सी-40 समूह में शामिल हुआ था। सी-40 समूह में विश्वभर के ऐसे 97 शहर शामिल हैं, जिन्हें ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम करने, जलवायु कार्य योजनाएँ बनाने व उन्हें लागू करने के लिये प्रेरित किया जाता है।
यह योजना छह क्षेत्रों - "सतत् अपशिष्ट प्रबंधन, शहरी हरियाली एवं जैव विविधता, शहरी बाढ़ एवं जल संसाधन प्रबंधन, ऊर्जा दक्षता निर्माण, वायु गुणवत्ता तथा सतत् गतिशीलता" पर ध्यान केंद्रित करेगी। इसके अलावा, यह शमन एवं अनुकूलन रणनीतियों के साथ जलवायु लचीलेपन पर भी कार्य करेगी। इस योजना को स्कॉटलैंड के ग्लासगो में आयोजित होने वाले 'संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन' (COP-26) से पहले पूरा किये जाने की उम्मीद है।
'वैश्विक संसाधन संस्थान' द्वारा मुंबई जोखिम मूल्यांकन पर किये गए एक अध्ययन के अनुसार, शहर को दो प्रमुख जलवायु चुनौतियों, तापमान में वृद्धि तथा अत्यधिक वर्षा, का सामना करना पड़ेगा और ये समस्याएँ मुंबई में बाढ़ का कारण बनेंगी। वर्ष 2007 के बाद से शहर के तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है तथा पिछले पाँच वर्षों में तीव्र वर्षा एवं तूफान की घटनाओं में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनलकी एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, अगले तीन दशकों में जलवायु परिवर्तन के कारण मुंबई सहित कम से कम 12 भारतीय तटीय शहरों में समुद्री जलस्तर में 0.1 मीटर से 0.3 मीटर की वृद्धि होगी।