जिस तरह उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का नामकरण किया जाता है, इसी तर्ज़ पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) कोरोना वायरस के विभिन्न वेरिएंट्स के नामकरण की प्रणाली शुरू करने वाला है। जिस प्रकार, हरीकेन तूफानों के नाम हरीकेन रीटा एवं हरीकेन कटरीना के रूप में रखे जाते हैं, ऐसे ही वायरस के विभिन्न वेरिएंट्स को नाम दिया जाएगा।
यद्यपि इस प्रणाली का उद्देश्य देशों को उनके क्रमानुसार वेरिएंट का नाम रखकर उन्हें अपमानित या हतोत्साहित करना नहीं है, बल्कि ऐसा होने से आम लोगों के लिये वेरिएंट्स की जटिल वंशावली संख्या के स्थान पर उनके नाम को याद रखना आसान होगा।
वर्तमान में वायरस तथा उसके वेरिएंट का नाम रखने के लिये डब्ल्यू.एच.ओ. तथा विश्व की विभिन्न स्वास्थ्य एवं विज्ञान एजेंसियाँ औपचारिक वंशावली नाम को संदर्भित करती हैं, जो विभिन्न अक्षरों एवं नामों का संयोजन होते हैं। यह संयोजन किसी वायरस के विभिन्न वेरिएंट्स के बीच संबंध को इंगित करता है।
ध्यातव्य है कि अब तक किसी वायरस तथा उससे संबद्ध बीमारी का नामकरण उस भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर किया जाता है, जहाँ उस बीमारी के प्रभाव को पहली बार दर्ज अथवा उसके नुमूने को पहली बार पृथक किया जाता है, जैसे कि वेस्ट नाइल वायरस अथवा इबोला।