भारत में प्राकृतिक पूंजी लेखांकन और पारिस्थितिक तंत्र सेवाओं पर फोरम -2021 का आयोजन जनवरी 2021 में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय तथा राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र के सहयोग से सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा किया जाएगा।
प्राकृतिक पूंजी लेखांकन (NCA) एक ऐसी पद्धति है जिसका प्रयोग प्राकृतिक संसाधनों के उपभोग से संबंधित आय और लागत को समायोजित करने के लिये किया जाता है। यह पद्धति वर्ष 2012 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा अनुमोदित की गई एक रूपरेखा पर आधारित है, जिसे ‘पर्यावरणीय आर्थिक लेखा प्रणाली’ (SEEA) कहा जाता है।
यूरोपीय संघ द्वारा वित्तपोषित एन.सी.ए.वी.एस. का क्रियान्वयन संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी प्रभाग, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम तथा जैवविविधता अभिसमय के सचिवालय द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है। इस परियोजना में भारत, ब्राज़ील, चीन, दक्षिण अफ्रीका और मैक्सिको शामिल हैं।
इस परियोजना के तहत ‘भारत–ई.वी.एल. उपकरण’ का विकास भी एक प्रमुख उपलब्धि है, जो विभिन्न अध्ययनों के आधार पर देश के विभिन्न राज्यों की पारिस्थितिकीय सेवाओं की एक स्पष्ट तस्वीर प्रस्तुत करने में सक्षम है।
इस परियोजना में भागीदारी की वजह से सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय को यू.एन.–एस.ई.ई.ए. फ्रेमवर्क के अनुरूप पर्यावरणीय खातों के संकलन को शुरू करने और वर्ष 2018 से वार्षिक आधार पर अपने प्रकाशन ‘एनवायरनमेंट स्टेट्स इंडिया’ में पर्यावरणीय खातों को जारी करने में मदद मिली है।