तमिलनाडु सरकार ने राजकीय पशु नीलगिरि तहर के संरक्षण के लिये ‘नीलगिरि तहर संरक्षण परियोजना’ पहल की शुरुआत की है। इस परियोजना को वर्ष 2022 से 2027 तक लागू किया जाना है।
इसके तहत सरकार सर्वेक्षणों एवं रेडियो टेलीमेट्री अध्ययनों के माध्यम से नीलगिरी तहर आबादी की बेहतर समझ विकसित करने, तहरों को उनके ऐतिहासिक आवास में वापस लाने, आसन्न खतरों का पता लगाने तथा प्रजातियों के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने की योजना बना रही है।
इसके अतिरिक्त तमिलनाडू सरकार ने 7 अक्तूबर को 'नीलगिरी तहर दिवस' मनाने की भी घोषणा की है। इसे ई.आर.सी. डेविडर के सम्मान में आयोजित किया जाएगा जिन्होंने वर्ष 1975 में इन प्रजातियों के शुरुआती अध्ययनों में से एक का नेतृत्व किया था।
नीलगिरी तहर दक्षिणी भारत के उष्णकटिबंधीय पहाड़ों में पाई जाने वाली एकमात्र कैप्रिने (Caprinae) प्रजाति है। इसे आई.यू.सी.एन की लाल सूची में संकटग्रस्त श्रेणी में रखा गया है।