New
New
UP RO/ARO Course (Pre + Mains). View Details
NCERT online Batch. View Details
Prelims Target Batch 2024. View Details

रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize in Chemistry)

  • 10th October, 2020
  • हाल ही में, फ्रांस की इमैनुएल चार्पेंटियर (Emmanuelle Charpentier) एवं अमेरिका की जेनिफर डॉडना (Jennifer A Doudna) को 'जीनोम एडिटिंग' में सहायक क्रिस्पर- कैस 9 नामक  ‘जेनेटिक सीज़र्स’ की खोज के लिये संयुक्त रूप से रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार  के लिये नामित किया गया है।
  • ध्यातव्य है कि दोनों वैज्ञानिकों ने जीव जंतुओं, पौधों एवं सूक्ष्मजीवों के डी.एन.ए. को सटीक तरह से सम्पादित करने के लिये क्रिस्पर (CRISPR- Clustered Regularly Interspaced Short Palindromic Repeats) - कैस9 नामक उपकरण विकसित किया था। सम्भवतः यह पहला ऐसा मौका है, जब किसी वर्ग में दो महिलाओं को व्यक्तिगत रूप से नोबेल पुरस्कार दिया गया है।
  • 'जीनोम एडिटिंग’ एक ऐसी पद्धति है, जिसके द्वारा वैज्ञानिक जीव-जंतुओं के डी.एन.ए. में बदलाव करते हैं। कैंची की तरह काम करने वाली इस प्रौद्योगिकी में डी.एन.ए. को किसी विशेष या रोग जनित खास स्थान से काटा जाता है, फिर किसी अन्य या स्वस्थ डी.एन.ए. को उस स्थान से काटे गए हिस्से से बदल दिया जाता है। इससे रोगों के उपचार में काफी मदद मिलती है। क्रिस्पर - कैस-9 की खोज से पहले, जीन एडिटिंग ज़्यादा समय लेने वाली एवं कठिन प्रक्रिया थी।
  • विदित है कि स्ट्रेप्टोकॉकस प्योजेन्स (Streptococcus Pyogenes) ( एक प्रकार का बैक्टीरिया, जो मनुष्यों के लिये सबसे अधिक नुकसान का कारण बनता है) का अध्ययन करते हुए, एमैनुएल चार्पेंटियर ने एक अज्ञात अणु ट्रांस-एक्टिवेटिंग क्रिस्पर आरएनए (TracrRNA) की खोज की थी, जिसे वर्ष 2011 में प्रकाशित किया गया था। ये ‘TracrRNA’ बैक्टीरिया की प्राचीन प्रतिरक्षा प्रणाली क्रिस्पर- कैस 9 का हिस्सा था, जो अपने डी.एन.ए. को विघटित करके वायरस को निष्क्रिय कर देता था।
Have any questions?

Our support team will be happy to assist you!

call us

+91-9555 124 124
OR