हाल ही में, तीन वैज्ञानिकों रोजर पेनरोज़ (Roger Penrose - UK), रेनहार्ड गेंज़ल (Reinhard Genzel - Germany) और एंड्रिया गेज़ (Andrea Ghez - USA) को वर्ष 2020 के लिये भौतिकी के नोबेल पुरस्कार के लिये चुना गया है। ध्यातव्य है कि मैरी क्यूरी (1903), मारिया गोपर्ट-मेयर (1963), और डोना स्ट्रिकलैंड (2018) के बाद एंड्रिया गेज़ भौतिकी में नोबेल पाने वाली चौथी महिला हैं।
रोजर पेनरोज़ को ब्लैक होल के निर्माण को सापेक्षता के सिद्धांत द्वारा समझाने के लिये यह पुरस्कार दिया जा रहा है, उन्होंने गणितीय आधार पर साबित किया कि ब्लैक होल की उत्पत्ति सम्भव है और यह पूरी तरह से अल्बर्ट आइंस्टीन के सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत पर आधारित है।
राइनहार्ड गेंज़ल और एंड्रिया गेज़ को हमारी आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद एक अदृश्य लेकिन बेहद शक्तिशाली ‘सुपरमैसिव कॉम्पैक्ट ऑब्जेक्ट’ (Supermassive Compact Object), जिसे अब 'धनु A*' नामक एक विशाल ब्लैक होल के रूप में जाना जाता है, की खोज के लिये संयुक्त रूप से इस पुरस्कार के लिये नामित किया गया है।
सुपरमैसिव ब्लैक होल के रूप में ज्ञात धनु A** (Sagittarius A) का द्रव्यमान सूर्य से लगभग चालीस लाख गुना अधिक है। धनु A*, उन दो ब्लैक होल्स में से एक है, जिनकी छवि इवेंट होराइज़न टेलीस्कोप प्रोजेक्ट के माध्यम से प्राप्त हुई थी।
विदित है कि भौतिकी के विभिन्न क्षेत्रों में वैज्ञानिकों को रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज़ द्वारा प्रतिवर्ष भौतिकी में नोबेल पुरस्कार दिया जाता है। यह अल्फ्रेड नोबेल (मृत्यु वर्ष 1896) की वर्ष 1895 की वसीयत द्वारा स्थापित पाँच नोबेल पुरुस्कारों में से एक है। भौतिक विज्ञान में पहला नोबेल पुरस्कार वर्ष 1901 में एक्स-किरणों की खोज करने वाले जर्मनी के विलहम कॉनरैड रोंट्जन को दिया गया था।