परमाणु चुम्बकीय अनुनाद (NMR) स्पेक्ट्रोस्कोपी औषधीय और अन्य रासायनिक अणुओं के संरचनात्मक स्वरूप का अवलोकन करने की एक महत्त्वपूर्ण तकनीक है। यह तरल व ठोस पदार्थों में परमाणुओं के प्रकार, मात्रा तथा गठन के बारे में विश्लेषणात्मक डेटा प्रदान करती है। इसे सर्वप्रथम एक भौतिक परिघटना के रूप में पहचाना गया था।
इस परीक्षण के लिये नमूने को एक चुम्बकीय क्षेत्र में रखकर उस पर एन.एम.आर. सिग्नल उत्पन्न किया जाता है। इसके लिये नमूने पर रेडियो तरंगों का प्रयोग किया जाता है, जिससे एंड्रिक चुम्बकीय प्रतिध्वनि उत्पन्न होती है। प्रत्येक यौगिक के स्वयं के अनूठे और स्वतंत्र लक्षण होते हैं। आधुनिक कार्बनिक रसायन से सम्बंधित अध्ययनों में एन.एम.आर. परीक्षण अत्यंत सटीक है, इस परीक्षण से किसी वायरस के जैव यौगिकों को पहचानना सम्भव है।
एन.एम.आर. का प्रयोग पॉलिमर विश्लेषण, पैकेजिंग, फार्मास्यूटिकल आदि क्षेत्रों में और ठोस-तरल अनुपात, हाइड्रोजन सामग्री, हाइड्रोफाइल-लिपोफाइल बैलेंस इत्यादि का परीक्षण करने में किया जाता है।
हाल ही में, विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र (CSE) द्वारा एन.एम.आर.तकनीक के माध्यम कराए गए शहद के शुद्धता परीक्षण में 13 में से 10 ब्रांड विफल रहे हैं। इस तकनीक से शहद में शुगर सीरप की मिलावट का पता लगाया जाता है, जो किसी अन्य तकनीक द्वारा सम्भव नहीं है। भारतीय कानून के अनुसार निर्यात किये जाने वाले शहद के लिये यह परीक्षण अनिवार्य है।