New
New
UP RO/ARO Course (Pre + Mains). View Details
NCERT online Batch. View Details
Prelims Target Batch 2024. View Details

पर्माफ्रॉस्ट (Permafrost)

  • 14th September, 2021
  • पर्माफ्रॉस्ट को बर्फीले क्षेत्रों में पृथ्वी की सतह के नीचे जमी हुई ऐसी आधार भूमि, चट्टान, बर्फ या कार्बनिक पदार्थ के रूप में परिभाषित किया गया है, जो लगातार कम से कम दो वर्षों तक शून्य डिग्री सेल्सियस पर या उससे नीचे जमी हुई अवस्था में रही हो।
  • जलवायु परिवर्तन से संबंधित अंतर-सरकारी पैनल की नवीनतम रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि वैश्विक तापन बढ़ने से आर्कटिक पर्माफ्रॉस्ट में कमी आएगी। साथ ही, कार्बनयुक्त सतह के पिघलने से मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में वृद्धि होने की संभावना है।
  • इस घटना से वह देश सबसे अधिक प्रभावित होंगे जहाँ सड़कों या इमारतों का निर्माण पर्माफ्रॉस्ट पर हुआ है। रूसी रेलवे इसका प्रमुख उदाहरण है। इस संबंध में सबसे बड़ी वैश्विक चिंता पृथ्वी की सतह के नीचे जमी हुई जैविक सामग्री की क्षमताओं को लेकर है। यदि यह सतह पिघलना शुरू होती है तो यह जैविक सामग्री माइक्रोबायोटा के टूटने के लिये उपलब्ध हो जाएगी।
  • माइक्रोबायोटा सहभोज, सहजीवी तथा रोगजनक सूक्ष्मजीवों के पारिस्थितिक समुदाय हैं, जो सभी बहुकोशिकीय जीवों में पाए जाते हैं। माइक्रोबायोटा में बैक्टीरिया, आर्किया, प्रोटिस्टा, कवक तथा वायरस शामिल हैं। बायोटा वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड तथा मीथेन का उत्सर्जन करते हैं।
  • विश्व का 23 मिलियन वर्ग किमी. से अधिक क्षेत्र पर्माफ्रॉस्ट से आच्छादित है, जो पृथ्वी के लगभग 15% भूमि क्षेत्र को कवर करता है। पर्माफ्रॉस्ट के रूप में कार्बन की अनुमानित रूप से लगभग 1500 बिलियन टन मात्रा दबी हुई है, जो सतह के शीर्ष तीन मीटर में लगभग 1000 बिलियन टन है।
Have any questions?

Our support team will be happy to assist you!

call us

+91-9555 124 124
OR