• हाल ही में ‘प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना’ (PM–BJP) के अंतर्गत भारत सरकार ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले 8 उत्पाद लॉन्च किये हैं, जिनकी बिक्री सस्ते दामों पर ‘जन औषधि केंद्रों’ के माध्यम से की जाएगी।
• इस परियोजना का उद्देश्य, देश के समस्त नागरिकों को कम दाम पर ‘गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएँ’ उपलब्ध कराना है, ताकि उनके स्वास्थ्य व्यय में कमी लाई जा सके। अतः इन दवाओं की बिक्री हेतु इस परियोजना के अंतर्गत देश भर में ‘प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र’ (PMBJK) खोले गए हैं।
• विभिन्न गैर-सरकारी संगठन, चेरिटेबल ट्रस्ट, निजी व सार्वजनिक अस्पताल, स्वयं सहायता समूह इत्यादि ‘प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र’ स्थापित करने के पात्र हैं।
• 'जेनेरिक दवाओं' से तात्पर्य ऐसी दवाओं से होता है, जिनके मौलिक संघटक तत्त्व व गुण तो ब्रांडेड दवाओं के सामान ही होते हैं, किंतु उनकी कीमत ब्रांडेड दवाओं की अपेक्षा काफी कम होती है।
• ध्यातव्य है कि वर्ष 2008 में ‘जन औषधि अभियान’ नाम से आरम्भ की गई इस योजना का वर्तमान नामकरण, वर्ष 2015 में किया गया था। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के ‘फार्मास्युटिकल विभाग’ द्वारा लॉन्च की गई यह परियोजना, ‘ब्यूरो ऑफ फार्मा पी.एस.यू. ऑफ इंडिया’ (BPPI) द्वारा क्रियान्वित की जा रही है।
• उल्लेखनीय है कि बी.पी.पी.आई. की स्थापना वर्ष 2008 में दवा क्षेत्र के विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों के सहयोग से ‘फार्मास्युटिकल विभाग’ के अंतर्गत की गई थी। यह सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत एक स्वतंत्र सोसाइटी के रूप में पंजीकृत है।
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