भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों की शासन व्यवस्था को मज़बूत करने के लिये जोखिम आधारित आंतरिक लेखापरीक्षा फ्रेमवर्क (RBIA) जारी किया है। आर.बी.आई. द्वारा बैंकों को बेसल समिति और अंतर्राष्ट्रीय आंतरिक लेखा परीक्षा मानकों को अपनाने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है।
बैंकों के दृष्टिकोण में एकरूपता लाने तथा सर्वश्रेष्ठ व्यवहार के अनुसार आंतरिक लेखा कार्यों के संचालन के लिये बैंकों को निम्न सलाह दी जाती है:
प्राधिकरण, पदानुक्रम और स्वतंत्रता: आंतरिक लेखापरीक्षण के प्रमुख (HIA) बैंक के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी होंगे, जिनके पास स्वतंत्र निर्णय लेने की क्षमता होगी।
योग्यता: लेखापरीक्षकों को बैंकिंग परिचालन, लेखा, सूचना प्रौद्योगिकी, डेटा विश्लेषिकी और फोरेंसिक जाँच आदि क्षेत्रों का अनुभव तथा उनमें पेशेवर दक्षता होनी चाहिये।
कार्यकाल: HIA को दीर्घावधि (न्यूनतम तीन वर्ष) के लिये नियुक्त किया जाएगा।
आंतरिक लेखा कार्य को आउटसोर्स नहीं किया जा सकता, आवश्यकता पड़ने पर पूर्व-कर्मचारियों सहित विशेषज्ञों को अनुबंध के आधार पर ए.सी.बी. के अधीन नियुक्त किया जा सकता है, यदि बैंक में आवश्यक विशेषज्ञों का अभाव है।