‘सारस 3 रेडियो टेलीस्कोप’ का आविष्कार एवं निर्माण ‘रमन अनुसंधान संस्थान’ (RRI) के खगोलविदों द्वारा स्वदेशी रूप से किया गया है। यह ब्रह्माण्ड की आवश्यक सूक्ष्मग्राहिता तक पहुँचने वाला व छोटी से छोटी आवश्यक जानकारी एकत्र करने वाला विश्व का पहला टेलीस्कोप (दूरबीन) है।
यह एक उच्च-जोखिम वाला एवं उच्च-लाभ प्रायोगिक प्रयास है। इससे ‘कॉस्मिक डॉन’ (Cosmic Dawn) के समय की अत्यंत धीमी रेडियो तरंग संकेतों का पता लगाया जा सकता है। ‘कॉस्मिक डॉन’ ब्रह्माण्ड संबंधी एक मॉडल (ब्रह्माण्ड का उद्भव) है, जो ब्रह्मांड की प्रारंभिक अवस्था में पहली बार तारे और आकाशगंगाएँ बनने की परिकल्पना से संबंधित है।
सर्वप्रथम इस टेलीस्कोप को आंध्र प्रदेश में स्थित अनंतपुर जिले के एक गाँव में तैनात किया गया था। इसके बाद इसे ट्रांस-हिमालयी लद्दाख में तैनात किया गया, जहाँ से इसके द्वारा महत्त्वपूर्ण सूक्ष्मग्राही डाटा प्राप्त किया गया।
हाल ही में, भारतीय शोधकर्ताओं ने सारस 3 रेडियो टेलीस्कोप का उपयोग करते हुए ‘कॉस्मिक डॉन’ से एक रेडियो तरंग सिग्नल की खोज के हालिया दावे का निर्णायक रूप से खंडन किया है।