सौर तापीय फॉरवर्ड ऑस्मोसिस प्रणाली का प्रयोग समुद्री (लवणीय) जल को स्वच्छ बनाने के लिये किया जाता है। हाल ही में, इस प्रणाली का प्रयोग तमिलनाडु के दक्षिण-पूर्व में स्थित सूखा प्रभावित रामनाथपुरम ज़िले के 'नरिपय्यूर' गाँव में किया गया है। इससे गाँववासियों को प्रतिदिन 20 हज़ार लीटर स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो सकेगा।
विदित है कि रामनाथपुरम ज़िला लवणता के कारण पेयजल की कमी, खारेपन और भूजल के खराब स्रोतों के कारण पेयजल की कमी से बुरी तरह प्रभावित है। इसकी 265 किमी. लंबी तटीय रेखा है, जो राज्य में तट रेखा की कुल लंबाई का लगभग 1/4 भाग है।
तमिलनाडु स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास ने एम्पीरियल - के.जी.डी.एस. अक्षय ऊर्जा के सहयोग से गाँव में मौजूद तथा उभरती जल चुनौतियों का समाधान करने के लिये मिशन मोड में इस प्रणाली को सफलतापूर्वक स्थापित और प्रदर्शित किया है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा इस पहल में सहयोग प्रदान किया गया है।
यह प्रणाली कम लागत, कम ऊर्जा खपत, संसाधनों के उच्चतम उपयोग तथा कम दबाव संचालन के कारण मेम्ब्रेन में न्यूनतम गड़बड़ी के साथ-साथ इसकी आसान व अधिक प्रभावी सफाई करती है।
यह तकनीक आर.ओ. के 50 बार दबाव की अपेक्षा लगभग 2 बार दबाव पर ही संचालित होती है। साथ ही, यह अन्य तकनीकों की तुलना में भी उच्च ऊर्जा दक्ष है।