संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) ने 'विश्व जनसंख्या की स्थिति रिपोर्ट, 2021' जारी की है। इसका शीर्षक है- मेरा शरीर मेरा अपना है (My Body is My Own)।
ऐसा पहली बार हुआ है, जब संयुक्त राष्ट्र की किसी रिपोर्ट में 'शारीरिक स्वायत्तता' (Bodily Autonomy) पर ध्यान केंद्रित किया गया है। रिपोर्ट में शारीरिक स्वायत्तता को महिलाओं द्वारा बिना डर एवं हिंसा अथवा किसी अन्य के हस्तक्षेप के बगैर अपने शरीर से संबंधित विकल्पों के चयन की शक्ति के रूप में परिभाषित किया गया है।
इस रिपोर्ट के अनुसार, 57 विकासशील देशों की लगभग 50 प्रतिशत महिलाओं को अपने शरीर के संबंध में निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। इन निर्णयों में यौन संबंध बनाने या न बनाने तथा गर्भ निरोधक का इस्तेमाल करने या न करने संबंधी निर्णय शामिल हैं।
कोविड-19 के कारण विश्व भर में महिलाओं के शारीरिक स्वायत्तता संबंधी मौलिक अधिकार की व्यापक उपेक्षा हुई है। वस्तुतः इस रिपोर्ट के माध्यम से महिलाओं द्वारा अपने शरीर के संबंध में निर्णय लेने की क्षमता को मापा गया है।