New
New
UP RO/ARO Course (Pre + Mains). View Details
NCERT online Batch. View Details
Prelims Target Batch 2024. View Details

सब सरफेस पोरस वैसल (Sub-Surface Porous Vessels - SSPV)

  • 24th December, 2020
  • आई.आई.टी. दिल्ली ने ‘सब सरफेस पोरस वैसल’ (SSPV) के माध्यम से लघु सिंचाई का एक नया मॉडल विकसित किया है, जो थार रेगिस्तान में छोटी जोत वाले किसानों के लिये उपयुक्त होगा। इस पहल की शुरुआत खाद्य-सामग्री की अनुपलब्धता, बच्चों में कुपोषण और ग्रामीण लोगों की अक्षमता के मुद्दों को ध्यान में रखकर की गई है।
  • इस तकनीक के अंतर्गत, ज़मीन पर बने टीलों पर शंकु के आकार वाले पात्रों (Frustum-Shaped Vessels) को स्थापित किया जाता है। इससे घड़े द्वारा शुद्ध पानी प्रभावी ढंग से मिट्टी को सिंचित करता है। यह तुलनात्मक रूप से ड्रिप सिंचाई से अधिक प्रभावशाली है। इन प्रयोगों से खेतों की उपज तथा मिट्टी के पोषण-स्तर में सुधार के संकेत मिले हैं।
  • टीलों पर स्थापित किये जाने वाले पात्र स्थान-विशेष की रेत के अनुरूप मिट्टी और लकड़ी के बुरादे को एक निश्चित अनुपात में मिलाकर बनाए जाते हैं। इन पात्रों की सतह को कार्बन परत के साथ 750-800 डिग्री सेल्शियस तापमान पर पकाया जाता है। यह पात्र 8 से 9 लीटर जल भंडारण क्षमता के साथ 1.25 मीटर त्रिज्या की दूरी तक भूमि को सिंचित करने में सक्षम है। इन पात्रों के निर्माण के लिये जोधपुर में स्थानीय कुम्हारों से संपर्क किया गया है।
  • आवश्यक रंध्रयुक्त बर्तनों के निर्माण के लिये आई.आई.टी. जोधपुर के विशेषज्ञों ने तकनीकी सहायता प्रदान की है। जोधपुर ज़िले के स्थानीय ग्रामीणों ने सब्जियों और फलों की खेती के लिये अनुकूल स्थानों पर इस तकनीक का प्रयोग किया है। इसके तहत, मिट्टी के ढेर बनाकर नए मॉडल के साथ दैनिक उपयोग की सब्जियाँ उगाई जा रही हैं।
Have any questions?

Our support team will be happy to assist you!

call us

+91-9555 124 124
OR