हाल ही में, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने शीर्ष तेल एवं गैस विपणन कम्पनियों और तकनीक प्रदाताओं के साथ 'सस्टेनेबल अल्टरनेटिव टुवर्ड्स अफोर्डेबल ट्रांसपोर्टेशन' (SATAT) पहल के तहत देशभर में 900 सम्पीडित बायो-गैस (CBG) संयंत्रों की स्थापना के लिये एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।
विदित है कि 'सतत' पहल की शुरुआत वर्ष 2018 में परिवहन क्षेत्र के लिये सी.बी.जी. के रूप में एक वैकल्पिक, स्वच्छ और किफायती ईंधन की उपलब्धता बढ़ाने के लिये की गई थी। इससे रोज़गार के नए अवसरों के सृजन के साथ-साथ किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। गौरतलब है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा सी.बी.जी. को प्राथमिकता क्षेत्र उधारी (PSL) के अंतर्गत शामिल किया जाता है।
इस पहल के तहत, विभिन्न अपशिष्ट और बायोमास स्रोतों से सम्पीडित बायो गैस के उत्पादन के लिये पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित किये जाएँगे, जिससे प्रभावी अपशिष्ट प्रबंधन के साथ ही प्राकृतिक गैस आयात, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन तथा कृषि अवशेष के दहन में कमी आएगी। कार्बन उत्सर्जन में कमी भारत की CoP-21 की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
सम्पीडित बायो गैस प्राकृतिक गैस का ही सम्पीडित रूप है। इसे विभिन्न अपशिष्ट स्रोतों (बायोमास) जैसे- कृषि अवशेष, नगरपालिका अपशिष्ट, संयंत्रों से निकली सामग्री, खाद्य अपशिष्ट, डिस्टिलरी अवशिष्ट और सीवेज उपचार संयंत्रों के अपशिष्ट से अवायवीय प्रक्रिया द्वारा उत्पादित किया जाता है। प्राकृतिक ज्वलनशील गैस के आयतन में कमी लाने के लिये इसे अत्यधिक दाब पर रखा जाता है ताकि यह उपयुक्त दाब के साथ इंजन के दहन प्रकोष्ठ में प्रवेश कर सके।