केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सभी शहरों में ठोस कचरे को वैज्ञानिक ढंग से प्रसंस्कृत करने तथा 1 लाख से कम जनसंख्या वाले शहरों (जो शहर अमृत मिशन में शामिल नहीं थे) में अपशिष्ट जल प्रबंधन हेतु ‘स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0’ (SBM-U 2.0) को वर्ष 2025-26 तक जारी रखने की मंज़ूरी प्रदान की है।
एस.बी.एम.-यू. 2.0 को प्रधानमंत्री द्वारा 1 अक्तूबर, 2021 को लॉन्च किया गया था। इस मिशन का उद्देश्य ‘स्वच्छता एवं ठोस कचरा प्रबंधन’ के परिणामों को बनाए रखते हुए उनको गति प्रदान करना है, ताकि ‘कचरा मुक्त’ शहरी भारत के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। इसके अतिरिक्त, इसमें 1 लाख से कम जनसंख्या वाले शहरों में पूर्ण तरल कचरा प्रबंधन प्रणाली को अपनाकर अपशिष्ट जल को संगृहीत एवं शोधित (Filter) करने का प्रावधान भी किया गया है।
इसके तहत् आगामी 5 वर्षों में रोज़गार हेतु शहरी क्षेत्रों में जाने वाली जनसंख्या के लिये 3.5 लाख व्यक्तिगत, सामुदायिक एवं सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया जाएगा, जिससे इन सभी लोगों तक स्वच्छता सेवाओं की पूर्ण पहुँच को सुनिश्चित किया जा सकेगा।
यह मिशन पूर्णतःडिजिटल होगा। इसके अंतर्गत जी.आई.एस. चिह्नित कचरा प्रबंधन अवसंरचना, मज़बूत यूज़र इंटरफेस, ऑनलाइन शिकायत समाधान व्यवस्था तथा परियोजना निर्माण से लेकर फंड जारी करने तक परियोजना की ऑनलाइन निगरानी की जाएगी।
विदित है कि घर, समाज और देश में ‘स्वच्छता एवं साफ-सफाई’ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 2 अक्तूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन (SBM) शुरू किया गया था। यह मिशन दो भागों में विभाजित है- ग्रामीण क्षेत्रों के लिये ‘पेयजल एवं स्वच्छता विभाग’ (जल शक्ति मंत्रालय) के अंतर्गत एस.बी.एम.-ग्रामीण; शहरी क्षेत्रों के लिये ‘आवासन एवं शहरी मंत्रालय’ के अंतर्गत एस.बी.एम.- शहरी को क्रियान्वित किया जा रहा है।