हाल ही में, भारत में त्सो कार आद्रभूमि परिसर को अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के रामसर स्थल की सूची में शामिल किया गया है, जो लद्दाख संघ राज्यक्षेत्र में स्थित दूसरा ऐसा स्थल है। अब भारत में अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त आर्द्रभूमियों की संख्या 42 हो गई है, जो दक्षिण-एशिया में सर्वाधिक है।
'स्टार्टअपसुक त्सो' (Startsapuk Tso), दक्षिण में लगभग 438 हेक्टेयर में फैली मीठे पानी की झील तथा 'त्सो कार' (Tso Kar) उत्तर में लद्दाख के चांगथांग क्षेत्र में 1800 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली एक अत्यधित लवणीय झील (Hypersaline Lake) है। लवणीय जल के वाष्पीकरण के कारण इसके किनारों पर सफेद नमक की चादर जैसी दिखाई देती है, इस कारण इसे त्सो कार कहा जाता है, जिसका अर्थ 'सफेद झील' है।
बर्ड लाइफ इंटरनेशनल के अनुसार, त्सो कार बेसिन ए 1 श्रेणी का महत्त्वपूर्ण बर्ड एरिया (आई.बी.ए.) तथा मध्य एशियाई फ्लाईवे में एक महत्त्वपूर्ण स्थल है। यह स्थल भारत में ब्लैक-नेक्ड क्रेन (ग्रस नाइग्रीकोलिस) के सबसे महत्त्वपूर्ण प्रजनन क्षेत्रों में से एक है। इसके अतिरिक्त, यह ग्रेट क्रेस्टेड ग्रीबे (पोडिसेक्रिस्ट्रैटस), बार-हेडेड गीज़ (अनसेरिंडिकस), रूडी शेल्डक (टेडोर्नफेरफ्रुगिनिया), ब्राउन-हेडेड गल (लार्सब्रननिसेफालस), लेज़र सैंड-प्लोवर (चारेडेरिसुस्मोलस) आदि का भी प्रमुख प्रजनन क्षेत्र है।
त्सो मोरीरी/मोरीरी झील या "माउंटेन लेक", लद्दाख में चांगथांग पठार पर अवस्थित एक झील है। इसे वर्ष 2002 में रामसर कन्वेंशन के तहत रामसर वेटलैंड स्थल के रूप में अधिसूचित किया गया था।