संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन, संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है। इस संगठन की स्थापना वर्ष 1966 में की गई थी। वर्ष 2013 की लीमा घोषणा के अनुसार, इसका उद्देश्य सदस्य देशों में गरीबी उन्मूलन, समावेशी वैश्वीकरण और पर्यावरणीय स्थिरता के लिये औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना है। इसका मुख्यालय वियना, ऑस्ट्रिया में है। वर्तमान में 170 देश इसके सदस्य हैं।
संगठन के मध्यावधिक कार्यक्रम फ्रेमवर्क (वर्ष 2018-2021) में निम्नलिखित चार प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है:
साझी समृद्धि का सृजन (Creating shared prosperity)
आर्थिक प्रतिस्पर्धा को बढ़ाना (Advancing economic competitiveness)
पर्यावरण की सुरक्षा (Safeguarding the environment)
ज्ञान और संस्थानों का सुदृढ़ीकरण (Strengthening knowledge and institutions)
उपर्युक्त के अतिरिक्त संगठन की गतिविधियों में कई व्यक्तिगत कार्यक्रम, जैसे- तकनीकी सहयोग, शोध कार्य व नीतिगत परामर्शी सेवाएँ, मानक कार्य तथा मानक गुणवत्ता-सम्बन्धी गतिविधियाँ एवं ज्ञान हस्तांतरण, नेटवर्किंग और औद्योगिक सहयोग के लिये सम्मेलन तथा भागीदारी आदि शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन, राष्ट्रीय नीतिगत प्राथमिकताओं तथा विकास रणनीतियों के साथ संयुक्त राष्ट्र की गतिविधियों को लागू करने के लिये भारत के साथ मिलकर कार्य कर रहा है। संगठन के अनुसार, आर्थिक विकास की क्षेत्रीय क्लस्टर अवधारणा का भारत की सफलता में महत्त्वपूर्ण योगदान है।