जारीकर्त्ता- पॉल्यूशन ट्रैकर आई.क्यू. एयर तथा ग्रीनपीस।
- इस रिपोर्ट में रैंक का निर्धारण वायुमंडल में उपस्थित PM 2.5 कणों की मात्रा के आधार पर होता है। इन कणों में सल्फ़ेट, नाइट्रेट एवं ब्लैक कार्बन जैसे प्रदूषक तत्त्व शामिल होते हैं, जो मनुष्यों में श्वसन, हृदय व प्रतिरक्षा तंत्र से सम्बंधित रोग उत्पन्न करते हैं।
रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु
- रिपोर्ट में शामिल कुल 98 देशों में बांग्लादेश सर्वाधिक प्रदूषित (प्रथम स्थान) देश है, उसके बाद पाकिस्तान (दूसरा स्थान), मंगोलिया (तीसरा स्थान) तथा अफ़गानिस्तान (चौथा स्थान) का स्थान आता है। बहामास सर्वाधिक स्वच्छ (अंतिम स्थान) देश है।
- रिपोर्ट के मुताबिक, 90% वैश्विक आबादी प्रदूषित वायु में साँस लेती है।
भारत की स्थिति
- भारत विश्व का पाँचवां सर्वाधिक प्रदूषित देश है।
- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्थित गाज़ियाबाद विश्व का सर्वाधिक प्रदूषित शहर है।
- वर्ष 2018-19 तक राष्ट्रीय वायु प्रदूषण में 20% की कमी आई, जिसका कारण- आर्थिक मंदी, अनुकूल मौसम दशाएँ तथा वायु को स्वच्छ करने की दिशा में हुए प्रयास हैं।
- इस रिपोर्ट में भारत के राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) की भी चर्चा की गई है, जिसका लक्ष्य- सर्वाधिक प्रदूषित 102 शहरों में वायु प्रदूषण को वर्ष 2017 के स्तर की तुलना में वर्ष 2024 तक 20-30% तक कम करना है।
