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विश्व खाद्य पुरस्कार 2020 (World Food Prize 2020)

  • 13th June, 2020

भारतीय मूल के अमेरिकी मृदा वैज्ञानिक व पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे डॉ. रतन लाल को वर्ष 2020 का 'विश्व खाद्य पुरस्कार' दिया गया है। प्रति वर्ष बसंत ऋतु में वर्ल्ड फूड प्राइज़ फाउंडेशन इस पुरस्कार की घोषणा करता है।

  • डॉ. रतन लाल द्वारा मृदा पर किये गए शोध ने मृदा स्वास्थ्य में सुधार, कृषि उत्पादन में वृद्धि, खाद्य की पोषक गुणवत्ता में वृद्धि, पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति तथा जलवायु परिवर्तन न्यूनीकरण का मार्ग प्रशस्त किया है। अपनी कृषि तकनीकों के माध्यम से वह विश्व के लगभग 50 करोड़ छोटे किसानों की मदद कर रहे हैं।
  • उन्होंने शून्य जुताई, कवर क्रॉपिंग, मल्चिंग तथा कृषि वानिकी जैसी कृषि तकनीकों की खोज एवं रूपांतरण किया, जो विभिन्न क्षतिकारक घटकों से मृदा की रक्षा, जल संरक्षण तथा मृदा में पोषक, कार्बन तथा जैव पुनर्चक्रण करती हैं। फलस्वरूप, कृषि पारितंत्रों की दीर्घावधिक धारणीयता में सुधार तथा सूखा, बाढ़ एवं जलवायु परिवर्तन का खतरा न्यून हो जाता है।
  • संयुक्त राष्ट्र के तीन अलग-अलग जलवायु परिवर्तन सम्मेलनों में कार्बन अनुक्रमण के साधन के रूप में उनकी मृदा स्वास्थ्य पुनर्भरण तकनीक को अपनाया गया है। वर्ष 2007 में आई.पी.सी.सी. में उनके योगदान के लिये उन्हें नोबेल प्राइज़ सर्टिफिकेट दिया गया था।
  • विश्व खाद्य पुरस्कार की स्थापना नोबेल पुरस्कार विजेता (वर्ष 1970) एवं कृषि वैज्ञानिक नॉर्मन बोरलॉग द्वारा वर्ष 1986 में कई गई थी। इस पुरस्कार के तहत, 250,000 अमेरिकी डॉलर की राशि प्रदान की जाती है। इसे कृषि का नोबेल पुरस्कार माना जाता है। डॉ. रतन लाल से पूर्व, डॉ. गुरुदेव सिंह खुश को वर्ष 1996 में यह पुरस्कार दिया गया था।
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