फ्राँस के 'रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स' (RSF) नामक एन.जी.ओ. ने वर्ष 2021 के लिये विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक जारी किया है। इस सूचकांक को विश्व के 180 देशों में पत्रकारिता के लिये विद्यमान दशाओं के आधार पर तैयार किया गया है।
सूचकांक में पत्रकारिता को दुष्प्रचार के विरुद्ध प्रमुख हथियार माना गया है। इसके अनुसार, 180 देशों में से 73 फीसदी देश पत्रकारिता के लिये 'बहुत बुरे (Very bad), बुरे (Bad) अथवा संदिग्ध (Problematic) परिवेश वाले देश हैं; इन तीनों श्रेणियों के देशों को विश्व प्रेस स्वतंत्रता मानचित्र में क्रमशः काले, लाल अथवा नारंगी (Orange) रंग से दर्शाया गया है।
इस वर्ष सूचकांक में प्रेस स्वतंत्रता के लिये सर्वाधिक अनुकूल परिवेश के लिये स्केंडनेवियाई देशों- नॉर्वे, फिनलैंड तथा स्वीडन को क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है। उल्लेखनीय है कि चीन को 177वाँ स्थान प्राप्त हुआ है।
सूचकांक में भारत को 142वाँ स्थान प्राप्त हुआ है। आर.एस.एफ. के अनुसार, यहाँ पत्रकारों के विरुद्ध पुलिस हिंसा, राजनीतिक कार्यकर्ताओं द्वारा हमले तथा अन्य तरह की प्रतिहिंसा के चलते प्रेस स्वत्रंत्रता के लिये भारत विश्व में सर्वाधिक खतरनाक देश है।