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Sanskriti Mains Mission: GS Paper - 2

“नीति-निदेशक तत्त्व एक ऐसा चेक है जिसका भुगतान बैंक के संसाधनों पर निर्भर है।” उपरोक्त कथन का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें । (250 शब्द)

21-Dec-2020 | GS Paper - 2

Solutions:

उत्तर प्रारूप

भूमिका- नीति-निदेशक तत्त्वों का परिचय देते हुए संक्षिप्त भूमिका लिखें। (40-50 शब्द)

मुख्य भाग (120-150 शब्द )

  • नीति-निदेशक तत्त्वों को गैर-प्रवर्तनीय प्रकृति को स्पष्ट करते हुए, इन्हें संविधान में शामिल किये जाने के उद्देश्य को स्पष्ट करें।
  • नीति-निदेशक तत्त्वों की गैर-परिवर्तनीयता का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें, नीति-निदेशक तत्त्वों को प्रवर्तनीय बनाया जाना चाहिये।
  • विभिन्न संविधान संशोधनों (73वें, 86वें), न्यायालयों के निर्णयों के संदर्भ में तथा सरकार की कल्याणकारी योजनाओं (मनरेगा, जननी सुरक्षा योजना, खाद्य सुरक्षा एवं कमज़ोर वर्गों के हितों का संरक्षण इत्यादि) का उल्लेख करते हुए नीति-निदेशक तत्त्वों के महत्त्व को बताएँ।

निष्कर्ष (40 -50 शब्द)

नीति–निदेशक तत्त्वों का भुगतान अवश्य ही बैंक के संसाधनों पर निर्भर है, किंतु इनकी अवहेलना भी नहीं की जा सकती। शासन के लिये इनके महत्त्व को स्पष्ट करते हुए इनकी गैर-प्रवर्तनीय प्रकृति का समर्थन करें।



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