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Sanskriti Mains Mission: GS Paper - 3

अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए, इस क्षेत्र में भारत के समक्ष विद्यमान चुनौतियों तथा भावी अवसरों की चर्चा कीजिये। (250 शब्द)

27-Feb-2021 | GS Paper - 3

Solutions:

उत्तर-प्रारूप

भूमिका (60-70 शब्द)

 विगत डेढ़ दशक में भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की उपलब्धियों जैसे- चंद्रयान I एवं II, मंगलयान, 'नाविक', मिशन शक्ति आदि पर प्रकाश डालें।

मुख्य भाग (120-130 शब्द)

  • भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के समक्ष विद्यमान चुनौतियों का उल्लेख करें, जैसे- मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम हेतु उन्नत तकनीक का अभाव, भारतीय प्रमोचनयानों का 'मैनरेटेड' न होना, अंतरिक्ष केंद्रों की तकनीकी दक्षता का अपेक्षाकृत कम होना, वैश्विक स्तर पर कम (2%) भागीदारी आदि।
  • अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की भावी संभावनाओं; भावी मिशनों- गगनयान, चंद्रयान-III, पुनःप्रयोज्य प्रमोचन यान का विकास तथा अन्य कार्यक्रमों का संक्षिप्त उल्लेख करें।

निष्कर्ष (40–50 शब्द)

 भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की सफलता को संदर्भित करते हुए, भारत द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र में और अधिक प्रगति हेतु कुछ सुझाव (जैसे-  निजी क्षेत्र को भागीदार बनाना) देते हुए उत्तर समाप्त करें।



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