Current Affairs 23-Jun-2025
द्वीपीय राष्ट्र मॉरीशस गंभीर जल संकट का सामना कर रहा है। जलवायु परिवर्तन, बढ़ती जनसंख्या एवं अपर्याप्त जल प्रबंधन ने इस संकट को अधिक गंभीर कर दिया है। हाल के वर्षों में मॉरीशस के जलाशयों का स्तर तेजी से गिरकर वर्ष 2024 में 92.6% से घटकर मात्र 38.2% रह गया है।
Current Affairs 23-Jun-2025
वर्तमान में भारत की समुद्री तटरेखा की लंबाई एवं द्वीपों की संख्या में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई है। समुद्री तटरेखा बढ़कर 11,098 किमी. हो गई है जो लगभग 48% की वृद्धि दर्शाती है।
Current Affairs 23-Jun-2025
कर्नाटक के मंगलुरु में किए गए पुरातात्विक अन्वेषण के दौरान बुद्ध की एक सिरविहीन मूर्ति और तीन अत्यंत महत्वपूर्ण चट्टानों को काटकर बनाई गई गुफाओं का एक समूह प्राप्त हुआ है।
Current Affairs 23-Jun-2025
शहरी चुनावों के लिए ई-वोटिंग प्रणाली अपनाने वाला बिहार पहला राज्य बना
Current Affairs 23-Jun-2025
एमआईबी रचनात्मक चुनौती 'बदलता भारत मेरा अनुभव' अभियान के लिए आवेदन आमंत्रित करता है
Current Affairs 23-Jun-2025
हाल ही में पंजाब नेशनल बैंक(PNB) ने रक्षक प्लस योजना के तहत 26 शहीदों के परिवारों को ₹17.02 करोड़ वितरित किए हैं।
Current Affairs 23-Jun-2025
हाल ही में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने जेंडर बजटिंग नॉलेज हब का आधिकारिक तौर पर शुभारंभ किया।
Current Affairs 21-Jun-2025
18 जून, 2025 को विश्व आर्थिक मंच द्वारा जारी वैश्विक ऊर्जा संक्रमण सूचकांक (Global Energy Transition Index) में भारत पिछले वर्ष से 63वें स्थान से खिसककर 71वें स्थान पर पहुँच गया है। हालाँकि, ऊर्जा निवेश क्षमता एवं दक्षता में उल्लेखनीय सुधार भी हुआ है।
Current Affairs 21-Jun-2025
भारतीय लोकतंत्र की बुनियादी नींव में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। हालाँकि, जब यह स्वतंत्रता साहित्य, रंगमंच या सिनेमा के माध्यम से अभिव्यक्त होती है तो उसे बार-बार ‘भावनाएँ आहत होने’ के नाम पर चुनौती दी जाती है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हाल ही में कमल हासन अभिनीत फिल्म ‘Thug Life’ के संदर्भ में दिए गए निर्णय एवं संबंधित टिप्पणियाँ इस बहस को एक बार फिर से प्रासंगिक बना देती हैं।
Current Affairs 21-Jun-2025
इस वर्ष विश्व शरणार्थी दिवस (20 जून) का थीम ‘शरणार्थियों के साथ एकजुटता’ है। हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने मद्रास उच्च न्यायालय के उस फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिसमें एक श्रीलंकाई शरणार्थी की सजा को 10 वर्ष से घटाकर 7 वर्ष कर दिया गया था। इस शरणार्थी को गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया था।
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