यूनेस्को ने ‘कोलकाता के दुर्गा पूजा उत्सव’ को ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया है।
यह सूची यूनेस्को अभिसमय, 2003 के अंतर्गत यूनेस्को की अंतर-सरकारी समिति द्वारा तैयार की जाती है। इसका उद्देश्य विश्व की परंपराओं और सजीव अभिव्यक्ति के साथ-साथ अमूर्त विरासतों की रक्षा करना है।
दुर्गा पूजा, स्त्री देवत्व और नारीत्व का एक उत्सव है। इसमें नृत्य, संगीत, अनुष्ठान, शिल्प, सांस्कृतिक पहलुओं आदि की उत्कृष्ट अभिव्यक्ति होती है। यह त्यौहार जाति, पंथ और आर्थिक वर्गों की सीमाओं से परे होकर लोगों को एक साथ लाता है।
कोलकाता की दुर्गा पूजा के शामिल होने के बाद इस सूची में शामिल भारत की अमूर्त सांस्कृतिक विरासतों की संख्या 14 हो गई है। इससे पूर्व, कुंभ मेला (वर्ष 2017) और योग (वर्ष 2016) को इस सूची में शामिल किया गया था।