यह एक वैश्विक प्रयास है, जिसके तहत पृथ्वी पर पाए जाने वाले सभी पादपों, वन्य जीवों, कवक तथा अन्य सूक्ष्म जीवों की डी.एन.ए. मैपिंग की जाती है। इसे वर्ष 2018 में प्रारंभ किया गया था।
इसमें 10 वर्षों में 1.8 मिलियन ज्ञात प्रजातियों की डी.एन.ए. मैपिंग तथा वर्ष 2022 तक लगभग 3000 प्रजातियों के आनुवंशिक अनुक्रमण (Genome sequencing) का लक्ष्य रखा गया है।
आनुवंशिक अनुक्रमण से जैव विविधता की क्षति को कम करने, खाद्य फसलों को जलवायु परिवर्तन के अनुकूल बनाने तथा एक-कोशिकीय जीवों के अनुक्रमण में मदद मिलेगी।
विभिन्न रिपोर्टों में, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक तापन के कारण इस शताब्दी के अंत तक लगभग 50% जैव विविधता के क्षरण का अनुमान व्यक्त किया गया है। अतः वन्य जीवों एवं वनस्पतियों के डी.एन.ए. अनुक्रमण की डिजिटल लाइब्रेरी आवश्यक है।