भारत सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं की भूमि और गैर-प्रमुख संपत्तियों के मुद्रीकरण में तेज़ी लाने के लिये राष्ट्रीय भूमि मुद्रीकरण निगम (National Land Monetization Corporation : NLMC) की स्थापना की है।
एन.एल.एम.सी. को भारत सरकार के 100 % स्वामित्व वाली इकाई के रूप में स्थापित किया गया है। इसकी प्रारंभिक अधिकृत शेयर पूंजी 5,000 करोड़ रुपए और सब्सक्राइब्ड शेयर पूंजी 150 करोड़ रुपए है।
अब तक सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों ने 3400 एकड़ भूमि तथा अन्य गैर-प्रमुख संपत्तियों को मुद्रीकरण के लिये एन.एल.एम.सी. को प्रस्तुत किया है।
वित्त वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक केंद्र सरकार की मूल संपत्ति के माध्यम से कुल 6 लाख करोड़ रुपए की मुद्रीकरण क्षमता का आकलन किया गया है। इसमें सड़क, रेलवे, बिजली, तेल और गैस पाइपलाइन तथा दूरसंचार शीर्ष पाँच क्षेत्रों में शामिल है।
अभी तक सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख संपत्तियों का मुद्रीकरण नीति आयोग द्वारा, जबकि गैर-प्रमुख संपत्तियों का मुद्रीकरण ‘निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM)’ द्वारा किया जाता था।