रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) एक विशेष प्रकार की रेडियो तकनीक है, जिसके अंतर्गत किसी वस्तु से जुड़े टैग (स्मार्ट लेबल) की पहचान करने के लिये रेडियो तरंगों का प्रयोग किया जाता है।
टैग में एक माइक्रोचिप लगी होती है जिसमें वस्तु से संबंधित जानकारी संगृहीत होती है। आर. एफ. आई. डी. टैग की चिप बारकोड और मैग्नेटिक स्ट्रिप्स की तरह ही कार्य करती है। हालाँकि, बारकोड एवं मैग्नेटिक स्ट्रिप्स के लिये ऑप्टिकल स्कैनर आवश्यक है, जबकि आर. एफ. आई. डी. टैग में डाटा पढ़ने के रेडियो तकनीक (Line of Sight) का प्रयोग किया जाता है।
इसका उपयोग पहली बार वर्ष 1970 के दशक में किया गया था। सामान्यतः आर. एफ. आई. डी. टैग का उपयोग पालतू जानवरों का रिकॉर्ड रखने के लिये किया जाता है। हाल के वर्षों में इसका उपयोग विभिन्न वाणिज्यिक एवं औद्योगिक क्षेत्रों में अधिक हो रहा है।
हाल ही में, भारतीय सेना ने अपनी आयुध भण्डार (Ammunition Inventory) की रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टैगिंग शुरू की है। इसका उद्देश्य आयुध के प्रबंधन एवं निगरानी में पारदर्शिता लाना है।