• ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ (इसरो) ‘लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान’ (SSLV) नामक एक नए प्रक्षेपण यान का विकास कर रहा है।
• इस ‘तीन चरणीय’ प्रक्षेपण यान का प्रत्येक चरण ‘ठोस ईंधन’ पर आधारित है। इसका व्यास 2 मीटर तथा इसकी ऊँचाई 34 मीटर है।
• यह 500 किग्रा. तक के उपग्रहों को अधिकतम 500 किमी. की ऊँचाई पर अवस्थित कक्षा में प्रक्षेपित करने में सक्षम है। यह एक बार में अनेक उपग्रहों को प्रक्षेपित कर सकता है।
• इस यान के द्वारा मांग के अनुरूप नैनो, सूक्ष्म और लघु उपग्रहों को ‘न्यूनतम लागत’ एवं ‘न्यूनतम प्रक्षेपण बुनियादी ढाँचे के साथ’ प्रक्षेपित किया जा सकता है। इससे भारत की लघु उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की क्षमता में वृद्धि होगी।
• इसकी पहली उड़ान द्वारा वर्ष 2022 में एक ‘पृथ्वी अवलोकन उपग्रह’ (EOS-2) का प्रक्षेपण किया जाएगा।
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