प्रश्न- (केस स्टडी)
हाल ही में, उच्चतम न्यायालय ने अपने एक निर्णय में उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें ट्रैफिक जंक्शनों, बाज़ारों और सार्वजनिक स्थानों पर भिखारियों और बेघरों द्वारा भिक्षावृत्ति को रोकने की मांग की गई थी। एक ऐसे सभ्य समाज में जहाँ राज्य सभी नागरिकों की उचित आजीविका का प्रबंध सुनिश्चित नहीं कर सकता है, वहाँ इस प्रकार की याचिका का कोई अर्थ नहीं रह जाता।
उक्त परिस्थिति में निहित नैतिक एवं विधिक मुद्दों की पहचान करते हुए उपयुक्त सुझाव प्रस्तुत करें। (250 शब्द)
27-Oct-2021 | GS Paper - 4
(केस स्टडी)
आप भारत सरकार के विदेश मामलों के विभाग में सचिव के पद पर कार्यरत हैं। भारत सरकार वैक्सीन मैत्री के तहत पड़ोसी देशों; श्रीलंका, मालदीव, नेपाल, बांग्लादेश को कोरोना वैक्सीन की कई लाख डोज़ दे चुकी है। साथ ही, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की अपील के बाद भारत सरकार द्वारा अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के गरीब देशों को भी वैक्सीन उपलब्ध कराए जाने पर विचार किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ, भारत के सामरिक मित्र राष्ट्र जैसे ब्राज़ील तथा ऑस्ट्रेलिया ने भारत से वैक्सीन आयात के लिये अग्रिम धनराशि जमा कर दी है। इन सभी परिस्थितियों के बीच भारत में कोरोना महामारी की नई लहर का प्रकोप तेज़ी से बढ़ रहा है। इस लहर ने भारत के वैक्सीन निर्यात और मित्र राष्ट्रों के साथ वैक्सीन डिप्लोमेसी के समक्ष समस्या उत्पन्न कर दी है। साथ ही, गरीब देशों को उपलब्ध कराई जा रही वैक्सीन पर भी रोक लग चुकी है। अब भारत या तो वैक्सीन की अपनी घरेलू ज़रूरतों को पूरा कर सकता है या फिर दूसरे देशों को आपूर्ति कर सकता है। इस संदर्भ में आपको मानव मात्र के स्वास्थ्य की सुरक्षा के नाते अन्य देशों के नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा का भी ध्यान रखना है और दूसरी ओर अपने देश के नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा को भी प्राथमिकता देनी है। आपको यह बात अवश्य ध्यान रखनी होगी कि गरीब देशों के संबंध में मानवता के आधार पर ही निर्णय लिये जाएँ।
उपर्युक्त परिस्थितियों के आलोक में निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये-
21-Oct-2021 | GS Paper - 4
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